GST (वस्तु एवं सेवा कर)
GST
इतिहास
- सर्वप्रथम ये कर फ़्रांस में लगाया गया था |
- भारत में इस कर के बारे में 2000 में एन.डी.ए सरकार (अटल जी की सरकार) ने असीम दास गुप्ता की अध्यक्षता में आयोग बनाया गया था जिसका कार्य GST का मॉडल तैयार करना था |
- 2006-07 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री चिदंबरम ने यह घोषना की थी की यह कर व्यवस्था 1 अप्रैल 2010 से लागु होगा इसके लिए आयोग का गठन होगा |
- 2008 में सरकार को आयोग की रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसकी समीक्षा मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व में हुई|
- 2009 में राज्यों के मुख्या सचिवो की समिति बनी जिसमे gst के दर को 15-20 % रखने की बात कही गयी जो पुरे विश्व में दर है|
- 2011 में 115 वे संविधान संशोधन बिल पेश किया गया जो gst के लिए था परन्तु यह बिल लेप्स हो गया |
- परन्तु राज्यों और केंद्रे में इस पर गतिरोध बना रहा |
- 2013 में यह बिल शीतकालीन सत्र में पेश होना था| पर हो ना सका
वस्तु एवं सेवा कर
- यह अप्रत्यश कर होगा जो अन्य सारे कर जैसे –केंद्र और राज्य का ,बिक्री कर,सेवा कर,उत्पाद कर,वैट आदि| का स्थान लेगा| यह पुरे भारत में 1 सामान होगा|
- यह केंद्र और राज्य दोनों के अप्रत्यक्ष करो का स्थान लेगा|
- भारत में gst दो प्रकार से लगाने का प्रस्तावित है CGST(केंद्र GST) तथा SGST(राज्य GST).
- इसे vat(मूल्य वर्धित कर) की तरह लगाया जायेगा|
- यह पुरे देश में एक सामान होगा 20%(केंद्र =12% तथा राज्य =8%).
प्रभाव हिंन
- निर्यात gst से संबंधित नही है ,प्रत्यश कर जैसे –आय कर,निगम कर आदि|
GST के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- कर का ढाचा आसान हो जायेगा|
- कीमते सरे राज्यों में सामान रहेगी|
- National Council of Applied Economic Research की रेपोर्ट के अनुसार इससे आर्थिक वृद्धि दर में 0.9-1.7 तक की वृद्धि होगी| आदि
महत्वपूर्ण तथ्य
- GST लागु करने के लिए संविधान में संशोधन आवश्यक है जिसके लिए संसद में 2/3 बहुमत के साथ पारित जो तथा आधे से अधिक राज्यों की सहमती हो |