प्रति रक्षा प्रोद्योगीकी
- आधुनिक में हर देश अपनी रक्षा के लिए अपने रक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है ये रक्ष प्रणाली तकनीक पर निर्भर करती है |
- रक्षा अनुसंधान और विकास संघठन की स्थापना रक्षा क्षेत्र में अनुसन्धान के लिय हुई थी|
DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संघठन) –
- इस संघठन की स्थापना 1958 AD में की गयी थी इसकी स्थापना निम् के विलय द्वारा की गयी थी-
- Technical development establishment of Indian army(TDE)
- The directorate of technical development & production(DTDP)
- The defence science organization.(DSO)
- इस समय यह संघठन रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के अंतर्गत आता था |
- जो पदेन सचिव होता था
- परन्तु 1980 में इसे स्वतंत्र विभाग के तौर पर गठित किया गया
- शुरू में इसकी सिर्फ 10 प्रयोग शाला थी जो वर्तमान में 51 है|
- इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है|
रक्षा उत्पाद एवं आपूर्ति विभाग-
- 1984 में रक्षा उत्पाद विभाग तथा रक्षा आपूर्ति विभाग को मिलाकर ये विभाग बनाया गया था|
- इस विभाग से संबंधित 8 PSU है-
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PSU,HQ,Established yesr
HAL(Hindustan Aeronautical limited ),Bengluru,1964
BEL(bharat electronics limited),Bengluru,1954
BEML(bharat earth and movers limited), Bengluru,1964
Mazgaon dockyard limited,Mumbai,1960
Goa shipyard limited,Vasco-di-gama,1970
MIDHANI(Mishra dhatu nigam limited),Hyadrabad,1973
Bharat dynamics limited,Hydrabad,1970
Garden reach shipbuilders and engineering limited,Kolkata,1934.
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प्रक्षेपास्त्र (MISSILES) –
प्रक्षेपास्त्र के प्रकार:
- निर्देशित प्रक्षेपास्त्र
- सतह से सतह प्रक्षेपास्त्र
- वायु से वायु प्रक्षेपास्त्र missile
- वायु से सतह प्रक्षेपास्त्र
- सतह से वायु प्रक्षेपास्त्र
- टैंक भेदी
- क्रूस प्रक्षेपास्त्र(Cruise missiles)
- बलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र (Ballistic missiles)
- Intermediate Range Ballistic missile
- Intercontinental ballistic missile
- Submarine launched ballistic missile
- Theatre ballistic missile
- Tactical ballistic missile
भारत का प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम (Indian missile program)
- भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने समेकित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम की शुरुआत जुलाई 1983 में 380 करोड़ रुँपये की राशी के साथ की थी|
- इसका पूर्ण दायित्व DRDO को दिया गया था |
- इस कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ.कलाम ने किया था|
वासु से वायु में मारक प्रक्षेपास्त्र (Air-to-air missiles)
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Missile,Range,weight caring capacity
अस्त्र,25 to 40 km,300kg
k 100,300 to 400 km,50kg
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सतह से वायु में मारक प्रक्षेपास्त्र (Surface-To-Air Missiles)
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Missile,Range,weight caring capacity
आकाश प्रक्षेपास्त्र,25 to 30 km,55kg
बराक8,100km
त्रिशूल,9 to 12 km,15kg
[/table]
सतह से सतह में मारक प्रक्षेपास्त्र (Surface to Surface)
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Missile,Range,weight caring capacity
अग्नि-1,700 to 1250,1000kg
अग्नि-2,2000 to 3000 km,1000kg
अग्नि-3,3500 to 5000 km,1500kg
अग्नि-4,3000 to 4000 km
अग्नि-5,5000 to 8000 km
पृथ्वी-1,150 to 250 km,500kg
पृथ्वी-2,350km
धनुष,350 to 600 km
प्रहार(pragatthi),150km
शौर्य,750 to 1900 km
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पनडुब्बी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र (Submarine ballistic missile)
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Missile,Range
सागरिका,700 to 1900 km
K-4,3500 to 5000 km
K-5,6000km
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टैंक भेदी प्रक्षेपास्त्र (Anti Tank Missile)
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Missile,Range
नाग,4km
हेलिना(Helicopter),7to 8 km
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क्रूज प्रक्षेपास्त्र (Cruise Missiles)
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Missile,Range
निर्भय,1000 -1500 km
ब्रम्होस,290 km
ब्रम्होस II,300km
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अर्जुन टैंक
- 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नर सिम्हा राव ने इसे सेना में शामिल किया था|
- यह पूर्ण स्वदेशी तकनीक से बनी हुई है|
तेजस,
- हल्का लड़ाकू विमान जिसे HAL ने बनाया है|
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नाम,गुण
निशांत,स्वदेश में निर्मित मानव रहित विमान
लक्ष्य,मानव रहित विमान
धुर्व,हल्का विमान
पिनाका,राकेट लांचर
नेत्र,स्वदेशी मानव रहित विमान
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